हथेली मे गुरु पर्वत का महत्व
ज्योतिष विज्ञान में जन्म कुंडली के घरों में मौजूद ग्रहों की दिशा और दशा के जरिए किस्मत का विश्लेषण किया जाता है, तो सामुद्रिक शास्त्र में हथेली की रेखाओं से भाग्य-सौभाग्य का आकलन संभव है। हथेलियों की रेखाएं और उंगलियों के नीचे छोटे से उभार लिए हुए पर्वत से व्यक्ति के स्वभाव, चारित्रिक विशेषता और भाविष्य के छिपे हुए तार्किक तथ्यों को जाना जा सकता है। यह न केवल उसके कार्यक्षेत्र के बारे में बताता है, बल्कि उसकी कार्यक्षमत और निपुणता को भी दर्शता है। हथेली में चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और सूर्य पर्वत होते हैं। इन पर्वतों के उभार और उससे मिलने वाली हस्त रखाओं के आधार पर ज्योतिषीय विवेचना की जाती है।
हस्तरेखा विज्ञान में गुरु पर्वत का स्थान पहली अंगुली अर्थात तर्जनी और उसके बगल की दूसरी अंगुली यानी मध्यमा के बीच होता है। इस स्थान पर बना उभार हाथ के किनारे से होकर बनता है। इस पर्वत को छूती हुई मध्यमा के ठीक बीचोबीचे मस्तिष्क रेखा जाती है। पर्वत के उभार या उन्नत स्थिति के आधार पर ही व्यक्ति के ऊपर बृहस्पति ग्रह की कृपादृष्टि का अनुमान लगाया जा सकता है।
गुरु पर्वत का स्वरूपः किसी भी व्यक्ति को गुरु पर्वत उसकी मस्तिष्क की रेखा के साथ प्रभावित करते हैं। उसमें शासन क्षमता और नेतृत्व विकसित करता है, तो उसे वैचारिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ भी बनाता है। ऊंचाई लिए हुए गुरु पर्वत वाले व्यक्ति पैसे के पीछे नहीं भागते हैं, बल्कि उनकी नजर शीर्ष पर होती है। वे हर कार्य को कानूनी दायरे में रहकर करना पसंद करते हैं। इन्हें खाने-पीने का भी काफी शौक होता है तथा वे परिवार से काफी लगाव रखते हैं।
गुरु पर्वत के शिखर का स्वरूप भी व्यक्ति के ज्योतिषीय प्रभाव को दर्शाते हुए उसके गुण-अवगुण को परिभाषित करता है। इस शिखर के शनि पर्वत की ओर झुके होने पर व्यक्ति में अनुशासन और गंभीरता आ जाती है, लेकिन वह उदसी और उपेक्षा के भाव से घिर सकता है। इसी तरह से शिखर के हृदय रेखा के पास होने की स्थिति में वह व्यक्ति पारिवारिक सरोकार के महत्व को समझने वाला होता है। यह कहें कि वह परिवार के सदस्यों के लिए कृत संकंल्प होता है। इस शिखर के मस्तिष्क रेखा के पास होने पर व्यक्ति की बौद्धिक गतिविधियां तीव्र होती है।
गुरु पर्वत का संबंध उंगली के प्रकार से भी होता है। यदि उभरे गुरु पर्वत वाले व्यक्ति की तर्जनी के लंबी हो तो उसमें लापरवाही के अवगुण आ जाते हैं। ऐसे लोग तानाशाह प्रवृति के भी हो सकते हैं। वैसे तर्जनी के छोटी होने पर ऐसा नहीं होता है। उंगली के विकृत होने की स्थिति में वह व्यक्ति काफी धूर्त, पाखंडी या चालाक और स्वार्थी होता है। इसके अतिरिक्त तर्जनी की तीन खंडों में पहले खंड के लंबा होने पर व्यक्ति धर्मपरायण, राजनीतिज्ञ या शि़क्षाविद हो सकता है, जबकि दूसरे खंड के लंबा होने पर उसमें सफल कारोबारी के गुण आ सकते हैं। इसी तरह से तीसरे खंड के लंबा होने पर व्यक्ति स्वादिष्ट व्यंजनों का शौकीन होता है।
गुरु पर्वत पर विभिन्न किस्म के चिन्हों, जैसे- त्रिभुज, क्राॅस, बिंदु या तिल, वृत्त, वर्ग, द्वीप, जाल, तारे आदि होने की स्थिति में भी व्यक्ति कई तरह के प्रभाव को अनुभव करता है। वे इस प्रकार हो सकते हैंः-
- त्रिभुजः गुरु पर्वत पर त्रिभुज बने होने पर व्यक्ति में कूटनीज्ञिता के गुण आ जाते हैं और वह अपनी उन्नति के लिए अतिमहत्वाकांक्षी बन जाता है। उसकी महत्वाकांक्षा इस कदर बढ़ जाती है कि कई बार उसमें हद से ज्यादा अभिमान तक आ जाता है और यही त्रिभुज दोष की स्थितियां भी पैदा कर देता है।
- वर्गः गुरु पर्वत पर वर्ग का होना बहुत ही शुभ माना गया है। जिस किसी व्यक्ति की हथेली पर यह होता है वह उच्च पद को अपनी बौद्धिकता और योग्यता के बल पर हासिल करने में सफल हो जाता है, चाहे वह साधारण परिवार का ही सदस्य क्यों नहीं हो। ऐसे व्यक्ति कुशल व सफल प्रशासक बन सकते हैं और सार्वजनिक तौर पर सम्मानित किए जाते हैं।
- वृत्तः यदि किसी गुरु पर्वत पर छोटा से गोल बना हो अर्थात वृत्त हो तो वह अपने प्रयत्नों से उच्च पद को हासिल करने में सफल होता है। ऐस लोगों को उनके जीवनसाथी के परिवार से काफी मदद मिलती है।
- जालः इसका गुरु पर्वत पर बना होनेा अशुभ माना गया है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति निर्दयी, स्वार्थी और अभिमानी किस्म होता है।
- तारेः गुरु पर्वत पर तारे आदि के चिन्ह दिखने का मतलब है वह व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी है। वह उच्च पद को हासिल कर लेता है और पूरी तरह से पारिवारिक और सामाजिक सरोकार की भावना से भी भरा होता है।
- तिलः गुरु पर्वत पर सफेद, लाल, पीले या काले रंग के बिंदु या तिल हो सकते हैं। सफेद व्यक्ति की उन्नति, लाल रोग, पीला रक्ताल्पता और काला लक्ष्मी अर्थात धनागमन को दर्शाता है। अर्थात ये तिल अगर शुभ होते हैं तो अशुभ भी हो सकते हैं।
- क्रासः गुरु पर्वत पर क्रास बने होने का अर्थ है वैचारिकता को महत्व देना। ऐसे व्यक्ति सोच-विचार कर ही कोई कार्य करते हैं। इनका दांपत्य जीवन काफी सुखद होता है और जीवनसाथी भी अनुकूल शिक्षा के होते हैं।
- द्वीपः गुरु पर्वत पर द्वीप बने होने का अर्थ व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है।
शारीरिक बनावटः उन्नत यानि अत्यधिक उभार के गुरु पर्वत वाले व्यक्ति संुदर होते हैं और उनकी बनावट मांसलता लिए हुए होती है। या कहें इनके शरीर से मोटापा झलकता है। हालांकि यदि जिस किसी व्यक्ति की हथेली में गुरु पर्वत कम विकसित होता है, वे दुबले-पतले होते हैं।
व्यक्तित्वः उभरे हुए अर्थात उन्नत गुरु पर्वत वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व काफी आदर्शवादिता, वैचारिकता, व्यवहारिकता और आजाद ख्यालों से भरा होता है। उनमें गजब की बौद्धिकता होती है तथा वे हर कार्य को काफी सोच-विचारकर विवके और बुद्धि के साथ करते हैं। ऐसे व्यक्ति जिनके गुरु पर्वत में उभार अत्यधिक होता है उनमें का नकारात्मक पहलू भी होता है। वे अभिमानी होते हैं और अपने आगे दूसरे को काफी पीछे या कमजोर, यहां तक की तुच्छ समझते हैं।
हालांकि उनमें एक कुशल शासक, शिक्षक, धर्मगुरु, विचारक बनने के तमाम गुण मौजूद होते हैं। इनमें दूसरे के नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होती है। वे अतिमहत्वाकांक्षी भी होते हैं। दबे हुए पर्वत वाले व्यक्ति का न केवल कामकाज काफी निम्न स्तर का होता है, बल्कि वे निम्न विचारधारा के भी हो सकते हैं और उनसे सहयोग की उम्मीद नहीें कर सकते हैं। यहां तक कि सपाट गुरु पर्वत वालों के संबंध असमाजिक लोगों के साथ हो सकते हैं।
जीवनशैलीः विकसित अर्थात उभरे हुए गुरु पर्वत वाले व्यक्ति की जीवनशैली दिखावे से भरी होती है। इनकी रूचि जितनी राजनीति में होती है उतनी ही साहित्य में भी होती है। वैसे खुद को अतिविकसित करने के प्रति अतिमाहत्वाकांक्षी होते हैं और झूठी शान की खातिर खर्च करने से नहीं चूकते हैं। वैसे परिस्थितियों के अनुसर ढलने के लिए लचीलापन की क्षमता रखते हैं।
स्वास्थ्यः किसी भी व्यक्ति के गुरु पर्वत की स्थिति से उसकी सेहतमंद होने की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। उभरे हुए गुरु पर्वत वाले व्यक्ति व्यक्ति खाने-पीने के शौकीन होते हैं, इसलिए इसका संबंध सीधे पाचन-तंत्र से है। इन्हें लीवर, सूजन, अपच या फिर मोटापे की शिकायत रह सकती है। कमजोर गुरु पर्वत वाले व्यक्ति वायु संबंधी विकारों से ग्रसित हो सकते हैं या फिर इन्हें मधुमेह और अजीर्ण जैसी बीमारियों हो सकती हैं।