बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय

बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय

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बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय

बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय, बच्चों के बिगड़ने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मां-बाप के अधिक लाड़-प्यार की वजह से बिगड़ जाते हैं तो तो कुछ अनदेखी के कारण गलत राह पकड़ लेते हैं। जबकि कुछ बच्चे गलत सोहबत की वजह से गुमराह हो जाते हैं।

बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय

बिगड़े हुए बच्चों को सुधारने के उपाय

परिवार में कुछ सदस्य ऐसे भी होते हैं, तो अपने स्वार्थ की वजह से बच्चे बिगाड़ देते हैं। कोई बच्चा अगर अपने जिद्दीपन से माता-पिता को परेशान कर देता है, तो कोई जरूरत से अधिक शरारती होता है और उसे दूसरों को सताने में मजा आता है। ऐसे बच्चों को सुधारने के लिए मंत्र-तंत्र और टोना टोटका बहुत काम आता है। 

इलायची से बच्चों पर कंट्रोल

हर माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को उनकी बढ़ती उम्र के हिसाब से शैतानियों, जिद्दीपन और दूसरी गलत आदतों पर ध्यान रखते हुए उनपर कंट्रोल का तरीका अपनाएं। फिर भी उसमें बदलाव नहीं आए तो तंत्र-मंत्र और टोटके का उपाय करें। एक उपाय तीन इलायची के जरिए कर सकते हैं। तरीका इस प्रकार करें।

    • शुक्रवार के दिन सुबह सूर्यास्त के ठीक बाद नहा-धो लें। पूजा पाठ कर लें। साफ कपडे़ धारण कर तीन इलाइची को अपने बदन से स्पर्श कर उसे अपने पहने हुए कपड़े में ही किसी सुरक्षित स्थान पर रख लें। साड़ी के एक कोने में पैसे की तरह बांध लें या फिर रूमाल के कोने में बांधकर कमर में खोंस लें।
    • इस दौरान गायत्री मंत्र का 108 बार जाप भी करते हुए बच्चे का ध्यान करें। गायत्री मंत्र है-ऊँ भुर्भव स्व तत्स वितुर्वेण्यं भर्गो देवस्य धी मही धियो यो न प्रचोदयात।
    • अगले दिन शनिवार को प्रातःकाल उठकर नहाने-घोने के बाद पूजा-पाठ कर ले। सुरक्षित रखे तीनो इलायचियों को पीस लें और किसी भी पकवान में मिला कर अपने उस बच्चे को खिला दें, जिसे सुधारना चाहते है।
    • बच्चे पर इस टोटके को कम से कम तीन शुक्रवार-शनिवार को करें। इससे बच्चे में अकार्षण पैदा होगा और उसका बुरी आदतों में अरूचि पैदा हो जाएगी। माता-पिता की बातों पर ध्यान देगा। 

लौंग से टोटकाः इलायची की तरह ही लौंग से किए गए टोटके से बच्चे को सुधारा जा सकता है। इस उपाय को शुक्ल पक्ष के दौरान किया जाता है।  उसका तरीका इस प्रकार अपनाएं-

  • रविवार के दिन चार लौंग लें और उन्हें अपने शरीर के सबसे अधिक और पहले पसीना आने वाले भाग से स्पर्श कर लें। जैसे कांख या फिर दोनो जंघाओं के बीच मिलन स्थल हो सकता है, लेकिन ध्यान रहे वह भाग साफ-सुथरा होना चाहिए। 
  • स्पर्श के बाद सभी लौंग को से अच्छी तरह से साफ पानी से धोकर सुखा लें। सूखने पर उसका चूर्ण बना लें। 
  • लौंग के उस चूर्ण को दूध, कॉफी, या चाय में मिलाकर बच्चे को पिला दें। कुछ समय बाद ही उसका आपके प्रति सम्मोहन बढ़ जाएगा और आज्ञाकारी की तरह बर्ताव करने लगेगा। और फिर वह न केवल आपकी हर छोटी-बड़ी बातों को सुनेगा, बल्कि उसे लागू भी करेगा। 

गणेश जी दर्शनः जिद्दी बच्चे की हर जिद पूरी करने से बेहतर है उसकी अनाप-शनाप जिद और खराब आदतें ही छुड़ा दी जाए। इसके लिए उनके साथ जबरदस्ती नहीं करें। बस केवल उसे प्रातिदिन दायीं ओर मुड़े सूंड वाले गणेशजी का दर्शन कराएं।

इस दौरान ऊँ गणेशाय नमः का उच्चारण करते रहें। धीरे-धीरे इस दर्शन से उनकी बुद्धि में सुधार होने लगेगा और उनकी जिद करने की आदत खत्म हो जाएगी। भगवान गणेश की आराधना से व्यक्ति को सदबुद्धि प्राप्त होती है और स्वभाव में विनम्रता आ जाती है।  

चाटी के बालः जरूरत से अधिक शरारती बच्चे को सुधारने के लिए क्रम से किया जाने वाला तरीका इस प्रकार हैः-

  • बच्चा जब शनिवार की रात को गहरी नींद में सो रहा हो तो उसकी चोटी के तीन-चार बाल काट लें। कटे बाल को सफेद कागज में लपेटकर तुरंत जला दें।
  • उसकी राख को अगले दिन सूर्योदय से पहल किसी चैराहे पर डाल दें। घर आकर नहा-धो लें और एक चम्मच में खसखस की पुड़िया बना लें। उसे अपने दाएं हाथ में बांधकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • उसके बाद खसखस को दो चम्मच देसी घी में भूनकर दूध में मिलाएं और बच्चे को पिला दें। ऐसा एक सप्ताह तक करने से फायदा मिलेगा।  

हनुमान के सिंदूरः हिंदू के धार्मिक शास्त्रों में भगवान हनुमान की प्रतिमा पर लगा सिंदूर बहुत ही असरकारी होता है। इससे कई तरह के टोटके किए जाते हैं। एक टोटका बच्चों की खराब आदतों की सुधार का भी बताया गया है। यदि कोई बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी हो, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाता हो, माता-पिता की बात बिल्कुल न सुनता हो, जिद्द में अपनी बात मनवाने के लिए झट से जमीन पर लेट जाता हो,

कापियां या किताबें फाड़ने लगता हो। चिडचिडा हो गया हो। इसके सुधार के लिए शनिवार और मंगलवार को हनुमान मंदिर जाएं और उनके बायें पैर का सिंदूर लेकर बच्चे के माथे पर लागा दें। मंदिर में हनुमान चालिसा का पाठ करने के बाद ही सिंदूर लाएं। इस प्रयोग को एक माह तक दुहराएं। इसका लाभ अवश्य दिखेगा।

गुंमराह बच्चे का वशीकरणः कई बार बच्चे किसी की बातो मंे आकर गुमराह हो जाते हैं और मां-बाप का कहना नहीं मानते हैं। इससे उसकी अनुशासनहीनता और उद्दंडता काफी हद तक असहनीय हो जाती है।

ऐसे बच्चों को टोटके के जरिए वशीभूत कर उसकी आदत को छुड़ाया जाता है। इसके लिए बच्चे को गुमराह किए जाने वाले का नाम पता करें। उसके बाद एक तांबे का चैकोर टुकड़े पर लाल चन्दन से उसका या उनका नाम लिख दें। टुकड़े को आधा भरे शहद के एक डिब्बे में इस तरह से डालें, ताकि वह शहद में डूब जाए। 

उसके बाद प्रतिदिन प्रातः उसे देखते हुए गायत्री मंत्र का 21 बार जाप 21 दिनों तक करें। इसका असर कुछ दिनों में दिख जाएगा। बच्चा आपकी बातें को पहले की तरह सुनने लगेगा और आपके निर्देशों पर अमल करेगा। 

चांदी का टुकड़ाः बात-बात पर शैतानियां करने वाले बच्चे को सुधारने के लिए चांदी का एक चैकोर टुकड़ा उपयोगी साबित हो सकता है। एक चांदी का छोटा-सा टुकड़ा लें।  उसे अपने बच्चे के हाथ में देकर किसी नदी सर बहते हुए पानी के स्रोत जैसे झरने ले जाएं। वहां बच्चे से टुकड़े को पानी में प्रवाहित करने के लिए कहें। इसका अच्छा असर होता है।

सर्वजन वशीकरण मंत्र