कामदेव मंत्र साधना

कामदेव मंत्र साधना

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कामदेव मंत्र साधना

कामदेव मंत्र साधना – जब भगवान शिव की पत्नी सती अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में बिना निमंत्रण के पहुंच गईं तब वहां उनके पिता ने उनका और उनके पति भोलेनाथ को बहुत अपमानित किया। अपने पति के अपमान से आहत और पिता के व्यवहार से क्रोधित सती ने उसी यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया। सती की मृत्यु के पश्चात भगवान शिव, संसार के सभी बंधनों को तोड़कर, मोह-माया को पीछे छोड़कर तप में लीन हो गए। ऐसे में कामदेव ने उन पर अपना बाण चलाकर शिव के भीतर देवी पार्वती के लिए आकर्षण विकसित किया।

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कामदेव मंत्र साधना

श्रीकृष्ण जो पूरी तरह वासना से रहित हैं, उन्हें भी कामदेव ने अपने नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। कामदेव ने भगवान कृष्ण से यह शर्त लगाई कि वह उन्हें भी स्वर्ग की अप्सराओं से भी सुंदर गोपियों के प्रति आसक्त कर देंगे। कृष्ण ने कामदेव की सभी शर्त स्वीकार की और गोपियों संग रास भी रचाया लेकिन फिर भी उनके मन के भीतर एक भी क्षण के लिए वासना ने घर नहीं किया।

पौराणिक काल से जुड़ी बहुत सी कहानियों में हम कामदेव का जिक्र और उनका उल्लेख सुनते हैं। जितनी भी कहानियों में हमने कामदेव के बारे में सुना या पढ़ा है, उन्हें जानकर एक बात तो समझ में आती है कि कामदेव का संबंध प्रेम और कामेच्छा से है। लेकिन कामदेव हैं कौन और इनकी भूमिका क्या है, इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।

जिस तरह पश्चिमी देशों में क्यूपिड और यूनानी देशों में इरोस को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, उसी तरह हिन्दू धर्म ग्रंथों में कामदेव को प्रेम और अकार्षण का देवता कहा जाता है।

काम देव बीज मंत्र

सुन्दर दिखना हर किसी की चाहत होती है और वर्तमान में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है. आज हर कोई अपने शरीर की सुन्दरता बढ़ा कर स्वयं को आकर्षण का केंद्र बनाना चाहता है. पुर्ष वर्ग तो अपने को बलशाली व् वीर्य स्तम्भन बनाना चाहते है और नारी वर्ग अपने शरीर को आकर्षक बनाने के लिए भरपूर शरीर व् इच्छित सौन्दर्य चाहती है. कुछ तो प्राकृतिक रूप से ही संपन्न होते है लेकिन बहुत बड़ी संख्या में पुरुष व् नारी पूरी तरह से विकसित नहीं होते है और इस वजह से वे अपना सामान्य जीवन जीने में परेशानी महसूस करते है. अगर आप भी ऐसी परेशानी महसूस कर रहे है तो आप सब के लिए एक प्रकार का मन्त्र बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है जो आपको आपका इच्छित यौवन दे सकता है और समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढाने का मौका प्रदान करता है. इस मंत्र का इस्तेमाल आपको सुन्दर दिखने में मदद करेगा और इस वजह से होने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाता है

विनियोग

ॐ काम बीज मंत्रस्य सम्मोहन ऋषि : , गायत्री छंद : , सर्व सम्मोहन मकर देवता , सर्व सम्मोहने

विनियोग :

काम बीज मंत्र

” क्लीं कामदेवाय नमः ”

लाभ :

इस मंत्र से आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा. सबसे पहले आपको इस मंत्र की सिद्धि करनी होती है और इस मंत्र की सिद्धि करने के लिए आपको इसके 3 लाख जाप करने पड़ेंगे. ऐसा करने से इस मंत्र की सिद्धि हो जाती है और जब आप भी सिद्धि प्राप्त इस मन्त्र का इस्तेमाल करते है तो आपकी सुन्दरता निश्चित रूप से बहुत ही बढ़ जाती है. आप उस समय अपने आप से सुन्दर किसी को नही पाएंगे. यह आपकी सुन्दरता में चार चाँद लगा देता है.

काम गायत्री मंत्र भी सुन्दरता बढ़ने वाला एक मंत्र है इसका जिक्र शास्त्रों में भी किया गया है. इसकी उपयोगिता के बारे मे आप शास्त्रों में भी पढ़ सकते है कि यह कितना गुणकारी मंत्र है.

मंत्र

“” ॐ काम देवाय विद हे – पुष्प बणाय धीमहि : तन्नो अनंग प्रचोदयात ”

इससे पहले आपको एक मन्त्र के बारे में बताया गया है जो व्यक्ति उस मन्त्र की सिद्धि करने में असफल रहते है वे व्यक्ति इस मंत्र का इस्तेमाल करके भी लाभ उठा सकते है. इसका लाभ लेने के लिए आपको गायत्री मन्त्र की माला का रोज़ जाप करना चाहिए. ऐसा करने से भी आपको फायदा होगा. आप अपनी सुन्दरता में निखार ला सकते है. ये मंत्र भी आपको बहुत ही फायदा दे सकता है तो आप इन दोनों में से किसी भी मंत्र का उपयोग करके अपना फायदा कर सकते है.

कामदेव मंत्र साधना

शरीर को आकर्षण , सुन्दर , सम्मोहक तथा वीर्य स्तम्भन और नारी रमण मैं पूर्णता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र की साधना का विधान शास्त्रो मैं बताया हैं ,

विनियोग

ॐ काम बीज मंत्रस्य सम्मोहन ऋषि : , गायत्री छंद : , सर्व सम्मोहन मकर देवता , सर्व सम्मोहने विनियोग :

काम बीज मंत्र ” क्लीं कामदेवाय नमः ”

फल —–

तीन लाख मंत्र जाप करने से यह मंत्र सिद्धि होता हैं . जो व्यक्ति यह मंत्र सिद्धि कर लेता हैं , वह स्वयं कामदेव के सामान सुन्दर होकर प्रत्येक प्रकार की रमणी को आकर्षित एवं संतुष्ट कर सकता हैं .

शास्त्रो मैं काम गायत्री मंत्र भी बताया हैं .

“” ॐ काम देवाय विद हे – पुष्प बणाय धीमहि : तन्नो अनंग प्रचोदयात ”

जो व्यक्ति ऊपर का मंत्र सिद्धि नहीं कर सकते उन्हें चाहिए कि वे काम गायत्री मंत्र की एक माला नित्य फेरे , इससे भी उन्हें अपने उद्देश्य मैं सफलता प्राप्त हो सकती हैं .

कामदेव बीज मन्त्र का अर्थ

ऐ सरस्वती बीज मन्त्र है, इसे वाग मन्त्र भी कहते है। बोद्धिक कार्यो में सफ़लता की कामना जो करते है उन्हें बोद्धिक कार्यो में सफलता मिलती है।शेवत आसन पर पुर्वाभिमुख होकर बैठे और स्फटिक की माला से नित्य एकहजार बार जाप करें।

हिं भुवनेश्वरी बीज मन्त्र है। इसे शक्ति मन्त्र भी कहती है। जब शक्ति, सुरक्षा, पराक्रम, लक्ष्मी, लक्ष्मी कि प्राप्ति हो इसके लिए लाल आसन पर पूर्व कि ओर मुख कर इस मन्त्र का जाप करना चन्दन और रुद्राक्ष की माला से एक हजार जाप करना चाहिए

क्ली यह बीज मन्त्र कृष्ण, ।काली, लक्ष्मी इस मन्त्र को भी पूर्व की ओर मुख कर नित्य एक हज़ार बार करना होता है।

श्री मन्त्र यह मन्त्र पश्चिम की ओर मुख कर एक हज़ार बार कमल गट्टे की माला से जाप करते है।

इस प्रकार पूजा करने से आप अपना मन चाह जीवन साथी पा सकते है।